ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- तहसील कसौली के चंडी गांव में स्थित माँ चंडी देवी के मंदिर में 28 और 29 मई को जिला स्तरीय दो दिवसीय मेले का आयोजन किया जाएगा। इस मेले का आयोजन मंदिर समिति, मेला समिति, ग्राम पंचायत चंडी और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान और मार्गदर्शन में किया जा रहा है।
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इस मेले में विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ कुश्ती, दंगल और अन्य खेलकूद प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा, जिसमें प्रदेश और देश के प्रसिद्ध कलाकार, पहलवान और खिलाड़ी अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। मेला समिति और जिला प्रशासन ने इस आयोजन की सफल तैयारी और सुचारु प्रबंधन के लिए अभी से पूरी तैयारी कर ली है। इस मेले और मंदिर के पीछे ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और धार्मिक आस्था जुड़ी हुई है।
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माँ चंडी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन के तहसील कसौली क्षेत्र में स्थित है और प्राचीन पट्टा रियासत की ऐतिहासिक और धार्मिक विशेषता को संजोए हुए है। कहा जाता है कि एक स्थानीय किसान के हल से निकले खून के बाद मां चंडी देवी पिंडी रूप में प्रकट हुई थीं। इस घटना के बाद, मां चंडी ने स्वप्न में किसान को दृष्टांत दिया और पिंडी को पवित्र स्थान पर स्थापित करने का निर्देश दिया, जिससे गांव में सुख-समृद्धि और खुशहाली आई।
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मंदिर की स्थापना पट्टा महलोग रियासत के मैनेजर मियां भवानी सिंह ने धार्मिक आस्था के चलते की थी। यह पवित्र स्थल राज्य उच्च मार्ग नंबर 9 बरोटी वाला, सुबाथु, श्यामला घाट, बनलगी से बाई ओर 6 किलोमीटर दूरी पर समुद्र तट से 3800 फीट ऊंचाई पर स्थित है। यह स्थान सोलन से 45 किलोमीटर, सुबाथू से 14 किलोमीटर, कुनिहार से 18 किलोमीटर, शिमला से 65 किलोमीटर, नालागढ़ से 45 किलोमीटर और चंडीगढ़ से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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चंडी मेले की अपनी एक विशेष महत्ता है, जिसे चंडी की जात्रा के नाम से भी जाना जाता है। यहां आसपास गांव के सैकड़ों स्थानीय लोग अपनी नई फसल और मनौतियों को लेकर मां के चरणों में मत्था टेकने मंदिर में इस विशेष अवसर पर अवश्य आते हैं। यह मेला पिछले 100 वर्षों से हर वर्ष 28 और 29 मई को मां चंडी देवी मंदिर के परिसर के आसपास बड़े उमंग और धार्मिक भक्ति भाव के साथ आयोजित होता आ रहा है।
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माँ चंडी देवी का मंदिर प्राचीन सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत को संजोए हुए है, और यह धार्मिक स्थल अपनी आस्था और मनोहारी प्राकृतिक सौंदर्य के चलते लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहा है।
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