अर्की राजपरिवार ने भी पूर्णाहुति के दौरान दर्ज करवाई अपनी उपस्थिति
योगेश चौहान//दैनिक हिमाचल न्यूज:– उपमण्डल की ग्राम पंचायत धुंदन के प्राचीन श्री दुर्गा मंदिर में, जो कि लगभग 800 वर्षों की गौरवशाली परंपरा को समेटे हुए है, नौ दिनों तक चली श्री देवी भागवत कथा को पूर्णाहुति के साथ विराम दिया गया।

इस अवसर पर, कथावाचक आचार्य अंकुर शर्मा ने माँ भगवती के विभिन्न स्वरूपों का चित्रण करते हुए, उनकी अनुपम महिमा का गान किया। आसपास के गांवों से आए सैंकड़ों भक्तों ने इस कथा का श्रवण किया और आध्यात्मिक आनंद का अनुभव किया। मंदिर कमेटी के सचिव नीलकमल गुप्ता ने बताया कि यह मंदिर न केवल अर्की के राजपरिवार की कुल देवी माँ दुर्गा का निवास है, बल्कि यहाँ पिछले 38 वर्षों से चैत्र नवरात्रों के दौरान देवी भागवत कथा का आयोजन भी किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष समाजसेवी नरेन्द्र कपिला की अध्यक्षता में इस कथा का आयोजन करवाया गया।

कथा के अंतिम दिन, व्यास गद्दी से कथावाचक अंकुर शर्मा ने माँ की विशेष महिमा का वर्णन किया, जिससे सभी श्रोताओं के हृदय प्रफुल्लित हो उठे। अर्की का राजपरिवार भी इस पावन अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाता है, जो कि इस कथा की महत्ता को और भी बढ़ा देता है। नीलकमल गुप्ता ने बताया कि कथा के पहले दिन अर्की राजपरिवार के पुत्र राहुल देव सिंह व पुत्रवधू मयूराक्षी सिंह ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई

वहीं कथा के अंतिम दिन राजपरिवार से राजा हर्षवर्धन सिंह,रानी क्षरिजा सिंह,कंवर नागेंद्र सिंह उनकी धर्मपत्नी विजयश्री,राजपुरोहित अश्वनी पाठक सहित अन्य सदस्यों ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और माँ का आशीर्वाद प्राप्त किया।
आयोजक समिति के अध्यक्ष नरेंद्र कपिला ने कहा कि श्री दुर्गा मंदिर में आयोजित देवी भागवत कथा ने न केवल भक्तों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया, बल्कि अर्की की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को भी समृद्ध किया।

मन्दिर कमेटी के प्रधान कर्मचंद ठाकुर ने इस कथा के सफल आयोजन के लिए नरेंद्र कपिला,कमेटी के वरिष्ठ सदस्य राजपाल वर्मा,स्थानीय रामलीला कमेटी के प्रधान गोलू कंवर व उनके सहयोगी और सभी स्थानीय लोगों का इस धार्मिक अनुष्ठान को सम्पूर्ण करवाने में सहयोग देने के लिए हार्दिक आभार प्रकट किया। इस दौरान गौतम कपिल, अनिल कपिल, गोलू कंवर, मंजु, मुकेश कपिल, कर्मचंद कपिल और कमल किशोर गौतम,रत्न बट्टू,परसराम वर्मा और स्थानीय लोग भी उपस्थित रहे।
इस विशेष अवसर पर अर्की राजपरिवार की उपस्थिति ने इस आयोजन की शोभा और भी बढ़ा दी। राजपरिवार के सदस्यों ने न केवल अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई, बल्कि उन्होंने इस अनुष्ठान के महत्व को भी समझा और समर्थन दिया। इस आयोजन में उनकी भागीदारी ने इसे और भी यादगार बना दिया।


