अंत्योदय योजना बंद, अब गरीबों को पीएम गरीब कल्याण के तहत ही मिलेगा फ्री अनाज

प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में फैसला। सूत्र : मुफ्त अनाज वाली सभी योजनाओं को केंद्र सरकार ने अब प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) में ही शामिल कर लिया है। पहले गरीबी रेखा से नीचे आने वाले लोगों के लिए अंत्योदय अन्न योजना और ऐसी ही दूसरी योजनाएं चल रही थीं, जिनके जरिए गरीबों को मुफ्त राशन दिया जाता है। अब पहली जनवरी से प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत ही देशभर के गरीबों को राशन दिया जाएगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में चर्चा के बाद इस फैसले पर मुहर लगाई गई। इस नई योजना की शुरुआत पहली जनवरी, 2023 से हो गई और देश के करीब 80 करोड़ गरीबों को इसका लाभ मिल रहा है। इस योजना के शुरू होने के बाद साल 2023 में प्राइमरी हाउसहोल्ड और अंत्योदय अन्न योजना के लाभार्थियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत ही मुफ्त राशन दिया जाएगा। केंद्र सरकार की तरफ से बताया गया है कि पीएमजीकेएवाई के तहत देशभर के गरीबों में राशन वितरण करने से पारदर्शिता आएगी और सभी राज्यों में एक जैसी व्यवस्था होगी। (विशेष साभार सूत्र)


यह एकीकृत योजना गरीबों के लिए खाद्यान्न की पहुंच, सामथ्र्य और उपलब्धता के मामले में एनएफएसए-2013 के प्रावधानों को मजबूत करेगी। बता दें कि साल 2020 में कोरोना लॉकडाउन के बाद सरकार की तरफ से इस योजना को लागू किया गया था, जिसके तहत गरीबों को पांच किलो मुफ्त राशन मुहैया कराया जाता है। हालांकि पहले यह 10 किलो था, जिसे अब कम किया गया है। मुफ्त अनाज में कटौती को लेकर विपक्षी नेता भी मोदी सरकार पर हमलावर हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अप्रैल 2022 से एक वर्ष की अवधि के लिए रुपे डेबिट कार्ड और कम मूल्य वाले भीप-यूपीआई से व्यक्ति द्वारा व्यापारी को किए जाने वाले भुगतान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहन योजना को मंजूरी दे दी है। प्वाइंट-ऑफ-सेल (पीओएस) और ई-कॉमर्स लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए इस योजना पर 2600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही देश का सहकारिता क्षेत्र सीधा ग्रामीण क्षेत्र और किसानों, कृषि के उत्पादन और किसानों की आमदनी से जुड़ा है। इसी क्षेत्र से अब किसानों को और लाभ पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने तीन सहकारी संगठनों को मंजूरी दे दी है। सहकार से समृद्धि और किसानों की आय बढ़ाने को केंद्र ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट सोसायटी, नेशनल लेवल कोऑपरेटिव सोसाइटी फॉर ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स, नेशनल मल्टी स्टेट सीड कोऑपरेटिव सोसाइटी की स्थापना की गई है।

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