दैनिक हिमाचल न्यूज ब्यूरो- उपमण्डल अर्की की ग्राम पंचायत चईयां धार के गाँव चइयां में ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर मुक्ता रस्तोगी के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में एक विशेष स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर का मुख्य उद्देश्य ग्रामीणों को एचआईवी/एड्स, यौन संचारित संक्रमण (एसटीआई), क्षय रोग (टीबी), हेपेटाइटिस-बी और हेपेटाइटिस-सी जैसी गंभीर संक्रामक बीमारियों के प्रति जागरूक करना तथा उनके रोकथाम और उपचार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराना था।

कार्यक्रम में एचआईवी काउंसलिंग एवं टेस्टिंग सेवाओं के काउंसलर डॉक्टर विजय कुमार शांडिल ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि एचआईवी/एड्स और अन्य यौन संचारित संक्रमण समाज के लिए अब भी बड़ी चुनौती हैं। यदि समय रहते जांच और इलाज कराया जाए तो इन बीमारियों से होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है। उन्होंने विस्तार से बताया कि एचआईवी/एड्स असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सुई या सीरिंज का उपयोग, संक्रमित रक्त चढ़ाने और गर्भवती महिला से शिशु तक हो सकता है।

समय पर जांच और एआरटी (एंटीरिट्रोवायरल थेरेपी) लेने से मरीज लंबा और स्वस्थ जीवन जी सकता है। इसी तरह एसटीआई के लक्षणों में असामान्य स्राव, जननांगों में घाव, खुजली या जलन होने पर तुरंत जांच आवश्यक है।
टीबी के लक्षणों में खाँसी, बलगम, वजन कम होना और लंबे समय तक बुखार रहना शामिल है, जिसका पूरा इलाज निःशुल्क उपलब्ध है। वहीं, हेपेटाइटिस-बी और सी संक्रमित रक्त और शारीरिक द्रवों से फैलते हैं। इससे बचाव के लिए टीकाकरण (हेपेटाइटिस-बी) और सुरक्षित जीवनशैली अपनाना जरूरी है।

इस कार्यक्रम में सीएचओ ज्योति चौहान, आशा वर्कर सपना वर्मा और आशा वर्कर वीना कुमारी ने अहम भूमिका निभाई। उन्होंने लोगों को समूहों में बैठाकर विस्तार से समझाया कि यदि छोटी-छोटी सावधानियाँ बरती जाएं तो इन बीमारियों से बचाव संभव है।

शिविर में 56 प्रतिभागियों ने भाग लिया। सभी ने विशेषज्ञों की बातें ध्यानपूर्वक सुनीं और अपनी शंकाओं का समाधान पाया। ग्रामीणों ने भी खुलकर सवाल पूछे और स्वास्थ्य संबंधी जानकारी हासिल की।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को संकल्प दिलाया गया कि वे स्वयं और अपने परिवार को टीबी से मुक्त रखने, असुरक्षित यौन संबंधों से बचने, नियमित जांच कराने और नशे से दूर रहकर समाज को स्वस्थ और नशामुक्त बनाने में योगदान देंगे।

