ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज़ – भारत सरकार द्वारा लागू की गई नई श्रम संहिताएं श्रमिकों के जीवन में एक ऐतिहासिक बदलाव लेकर आई हैं। यह बात हरिजन सेवक संघ हिमाचल प्रदेश एवं हरिजन कल्याण समिति क्षेत्र अर्की के अध्यक्ष चुन्नीलाल बंसल ने कही।

उन्होंने कहा कि ‘कोड ऑन वेजिस, 2019’ जैसे प्रावधानों से अब हर श्रमिक को न्यूनतम वेतन, समय पर भुगतान और नियुक्ति पत्र जैसे अधिकार प्राप्त होंगे। पहले यह अधिकार कुछ सीमित क्षेत्रों तक ही सीमित थे, लेकिन अब यह सभी श्रमिकों के लिए लागू होंगे — चाहे वह सफाईकर्मी हो, फैक्ट्री कर्मचारी हो या आईटी क्षेत्र का पेशेवर।

बंसल ने कहा कि इन श्रम संहिताओं के तहत महिला श्रमिकों को भी समान वेतन, रात्रिकालीन कार्य में सुरक्षा, क्रेच सुविधा और बोर्डों में प्रतिनिधित्व जैसे अधिकार मिलेंगे, जिससे वे अधिक सुरक्षित और सम्मानित महसूस करेंगी।

उन्होंने प्रवासी श्रमिकों के लिए घोषित सुविधाओं को भी महत्वपूर्ण बताया, जिनमें पहचान पत्र, लाभों की पोर्टेबिलिटी और यात्रा सहायता शामिल है। इससे देश के किसी भी कोने में कार्य कर रहे श्रमिकों को अपने अधिकारों की सुरक्षा मिलेगी।

बंसल ने केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई “एक राष्ट्र, एक न्यूनतम वेतन” नीति की सराहना करते हुए कहा कि इससे सभी राज्यों में श्रमिकों को समान न्यूनतम वेतन मिलेगा और राज्यों को इसके नीचे जाने की अनुमति नहीं होगी।

अंत में उन्होंने कहा कि यह सभी परिवर्तन न केवल श्रमिकों को गरिमा और सुरक्षा प्रदान करेंगे, बल्कि देश की आर्थिक नींव को भी मजबूती देंगे। हरिजन सेवक संघ व हरिजन कल्याण समिति सरकार के इस ऐतिहासिक कदम का पूर्ण समर्थन करती है।

