स्वास्थ्य सेवाओं को भी व्यापार बना रही सुक्खू सरकार
ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सरकारी अस्पतालों में पर्ची बनवाने पर 10 रुपये परामर्श शुल्क वसूलने के फैसले को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा विरोध दर्ज किया है। भाजपा प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने इस निर्णय को जनविरोधी बताते हुए कहा कि सुक्खू सरकार ‘शुल्क वाली सरकार’ बनकर रह गई है।

त्रिलोक कपूर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम के रूप में जनता पर नया बोझ डाला है। उन्होंने कहा, “प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री पहले इस विषय को मज़ाक में कह रहे थे, लेकिन अब मज़ाक-मज़ाक में इसे लागू भी कर दिया गया। क्या यह सरकार लोगों की परेशानियों का मजाक बना रही है?”
तानाशाही रवैये का लगाया आरोप
कपूर ने कहा कि प्रदेश में आज तानाशाही जैसे हालात हैं। “मुख्यमंत्री और उनके मंत्री बिना किसी जनहित की सोच के निर्णय लेते हैं। पहले डीजल पर जीएसटी बढ़ाया, फिर पानी, बिजली और परिवहन को महंगा किया, और अब स्वास्थ्य सेवा को भी नहीं बख्शा गया,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आंकड़े देते हुए बताया कि हिमाचल प्रदेश में प्रतिदिन लगभग 5,000 मरीज सरकारी अस्पतालों में उपचार के लिए आते हैं, जिससे अनुमान लगाया जा सकता है कि महीने में लगभग 1.50 लाख और साल में करीब 18 लाख रुपये की राशि सरकार इस शुल्क से एकत्र करेगी।

भाजपा ने दी थीं मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं
त्रिलोक कपूर ने कहा कि भाजपा सरकार के कार्यकाल में जनता को आयुष्मान भारत और हिमकेयर योजनाओं के माध्यम से मुफ्त इलाज की सुविधा दी गई थी। “हमने कभी 10 रुपये की पर्ची पर भी शुल्क लेने की नहीं सोची और एक-एक मरीज को 5 लाख रुपये तक का मुफ्त स्वास्थ्य बीमा कवर दिया। कांग्रेस सरकार अब उसी जनता से 10 रुपये भी वसूलना चाहती है,” उन्होंने कहा।

‘जनता के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़’
भाजपा नेता ने सवाल उठाया कि क्या सरकार चाहती है कि लोग अस्पताल न आएं और घर पर ही बीमारियों से जूझें? “कांग्रेस सरकार ने न केवल जनता के शारीरिक स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया है, बल्कि उनके आर्थिक स्वास्थ्य को भी बिगाड़ने का काम किया है,” कपूर ने तीखा हमला बोला।

