ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज :- अर्की नागरिक चिकित्सालय में विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यकारी खंड चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर दूनीचन्द ने की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि हर वर्ष विश्व उच्च रक्तचाप दिवस 17 मई को मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष यह दिवस 17 मई 2025 से 16 जून 2025 तक पूरे महीने भर मनाया जा रहा है।

डॉक्टर विजय कुमार शांडिल ने रक्तचाप से संबंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को बताया कि रक्तचाप वह बल होता है जो रक्त, हृदय से निकलकर धमनियों की दीवारों पर डालता है। सामान्य वयस्क व्यक्ति का रक्तचाप लगभग 120/80 मिलीमीटर पारे के बराबर होना चाहिए। यदि यह स्तर लंबे समय तक 140/90 मिलीमीटर पारे या उससे अधिक रहता है तो इसे उच्च रक्तचाप (उच्च रक्त-दाब) माना जाता है।

विजय शांडिल ने कहा कि भारत में हर तीसरा व्यक्ति उच्च रक्तचाप से प्रभावित है, लेकिन उनमें से बहुत कम लोगों को इसकी जानकारी होती है। यह बीमारी धीरे-धीरे हृदय, मस्तिष्क, गुर्दे और आंखों को क्षति पहुंचा सकती है, इसलिए समय रहते इसकी पहचान और रोकथाम आवश्यक है।

इस अवसर पर स्वास्थ्य पर्यवेक्षक सत्य शर्मा, भूषण वर्मा तथा लीला दत्त गर्ग भी उपस्थित रहे।
तीनों अधिकारियों ने आशा कार्यकर्ताओं की सराहना करते हुए कहा कि वे स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी हैं और उनके माध्यम से ही समुदाय के अंतिम छोर तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाई जा सकती हैं।
उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को रक्तचाप के सामान्य लक्षण जैसे — लगातार सिरदर्द, चक्कर आना, थकान, सीने में दर्द, धुंधली दृष्टि और नाक से रक्त आना की पहचान करने के लिए प्रशिक्षित किया ताकि वे जरूरतमंद लोगों को समय पर चिकित्सालय भेज सकें।
इस कार्यक्रम में कुल 27 आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।






