ब्यूरो रिपोर्ट :- हिमाचल प्रदेश में की शांत फिजाओं में अब साइबर अपराध भी अपनी लगातार पैठ बनाता जा रहा है। अब यहां की भोली भाली जनता भी साइबर ठगों की आये दिन शिकार बन रही है। यदि इस साइबर के आंकड़ों की बात करें तो प्रदेश में साल भर 3348 शिकायतें दर्ज की गई हैं।

ये शातिर साइबर ठगी के लिए आए दिन नए-नए हथकंडे अपनाकर ठगी की वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। शातिर अलग-अलग तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं। शातिर लॉटरी, इनाम, एटीएम ब्लॉक होना, बैंक खाता वेरिफिकेशन कराने जैसी बातों में फंसाकर ठगी की वारदात को अंजाम दे रहे हैं। शातिर लोगों के डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारी हासिल कर बैंक खातों से पैसा उड़ा रहे हैं। बैंक, आरबीआई, इंश्योरेंस कंपनियों के कर्मचारी बनकर डेबिट, क्रेडिट कार्ड, आधार और पेन कार्ड की डिटेल लेकर शातिर लोगों को चूना लगा रहे हैं। साल भर में साइबर अपराध की 3348 शिकायतें दर्ज की गई हैं, जिसमें ऑनलाइन पेमेंट फ्रॉड के 371 और यूपीआई फ्रॉड की 225 शिकायतें आई हैं।
इसके अलावा 1011 सोशल नेटवर्किंग से संबंधित हैं। अन्य 395 शिकायतें दर्ज की गई हैं। प्रदेश में साइबर ठगी की शिकायतों की पुष्टि एसपी साइबर क्राइम रोहित मालपानी ने की है। एसपी रोहित मालपानी ने बताया कि साल भर में साइबर ठगी में दो करोड़ चार लाख 85 हजार की राशि होल्ड करवाई है, जबकि 76 लाख 77 हजार रुपए ठगों से रिकवर किए गए हैं। उन्होंने कहा कि बैंक खाते से जुड़ी जानकारी साझा न करं, बैंक खाते से जुड़ी ठगी के लिए साइबर क्रिमिनल आपके बैंक खाते और एटीएम से जुड़ी जरूरी जानकारियों के ही सहारे होते हैं।
कोई भी बैंक आपसे इस तरह की जानकारी नहीं मांगता, इसलिए आप अपने खाते से जुड़ी जानकारी किसी के साथ शेयर न करें। फ्रॉड कॉल आने पर इसकी जानकारी पुलिस को दें, ताकि पुलिस उस ठग तक पहुंच सके और भविष्य में वो किसी और के साथ ठगी न कर सके। एसपी रोहित मालपानी ने कहा कि डिजिटल तकनीक के बढ़ते इस्तेमाल के साथ साइबर क्राइम के मामलों में दिन-प्रतिदिन इजाफा हो रहा है। एएसपी नरवीर राठौर ने कहा कि कि अगर किसी के साथ इस तरह की कोई घटना होती है, तो तुरंत बैंक और पुलिस में शिकायत करें। इसके अलावा 112 पर संदिग्ध कॉल की रिपोर्ट करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल पर धोखाधड़ी की रिपोर्ट करने के लिए 155260 पर कॉल करें।(विशेष साभार: सूत्र)


