कमल कांत गौतम बने हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद जिला सोलन के अध्यक्ष

ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज :- हिमाचल राजकीय संस्कृत शिक्षक परिषद जिला सोलन द्वारा आज जिला कार्यकारिणी की निर्वाचन प्रक्रिया चुनाव अधिकारी नंदकिशोर शर्मा तथा चुनाव पर्यवेक्षक डॉक्टर अरुण शर्मा के मार्गदर्शन में गम्बरपुल स्थित विजेश्वर मंदिर परिसर में संपन्न हुई। इस चुनाव प्रक्रिया में 65 लोगों ने भाग लिया।

सभा संचालन करते हुए ललित शर्मा ने पुरानी कार्यकारिणी को भंग करने के पश्चात नव कार्यकारिणी गठन की प्रक्रिया आरंभ की ।
जिला सोलन के अध्यक्ष पद के लिए कमल कांत गौतम शास्त्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय चंडी (अर्की) के नाम का प्रस्ताव अनमोल आनंद शास्त्री द्वारा एवं अनुमोदन सभी खंडों के अध्यक्षों द्वारा किया गया। इसी प्रकार महासचिव पद के लिए राजकुमार रावमापा परमाणु तथा वित्त सचिव के लिए राजकीय माध्यमिक विद्यालय कासला(नालागढ़) में कार्यरत हंसराज का निर्वाचन भी सर्वसम्मति से किया गया ।
इसके उपरांत सदस्य विभिन्न पदों की संपूर्ण कार्यकारिणी का निर्वाचन हुआ। चुनाव अधिकारी डॉ अरुण ने बताया किस प्रकार परिषद ने लगभग 1985 से लेकर आज तक संस्कृत शिक्षक के हितों की तथा संस्कृत शिक्षा के हितों की लड़ाई को जारी रखा है तथा प्रशासन एवं कर्मचारियों के मध्य सामंजस्य बिठाते हुए इस विषय के सभी मुद्दों का समाधान किया है ।


इसके उपरांत नवनिर्वाचित जिला अध्यक्ष कमलकांत गौतम ने कहा परिषद के आद्य अध्यक्ष से लेकर आज तक जिन ही कार्यकर्ताओं ने कार्य किया है उन सभी के परिश्रम से यह संगठन पल्लवित हुआ है ।उन सभी के प्रशस्त मार्ग पर हम चलने के लिए ऊर्जावान है वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए संस्कृत को वर्तमान जगत की आवश्यकता के अनुरूप अध्यापन में अध्ययन में हम प्रयास करेंगे। छात्र की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विषयों को पढ़ाने में नवीनीकरण का भी उपयोग किया जाएगा।

संस्कृत शिक्षा के हित के साथ-साथ शिक्षकों के हित के लिए भी परिषद तत्पर है क्योंकि जब तक शिक्षक को अपने अधिकार प्राप्त नहीं होंगे तब तक वह अपनी सेवा तल्लीनता से नहीं कर सकता। अतः वर्तमान में भी संस्कृत शिक्षकों के हित में सरकार द्वारा जो निर्णय लिए गए हैं उन निर्णयों को विभागीय प्रक्रिया के अनुसार पूर्ण तक ले जाना परिषद का पहला उद्देश्य है। इसके उपरांत सभी विद्यालयों में संस्कृत भाषा का प्रचलन बढ़ सके संस्कृत में बोलचाल हो इसके लिए सभी मिलजुल कर प्रयास करेंगे।

LIC

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