दैनिक हिमाचल न्यूज- जिला विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. अरविंद मल्होत्रा की अदालत ने बिना लाइसेंस के एलोपैथिक दवाएं रखने के दो अलग-अलग मामलों में दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए कठोर सजा सुनाई है। इस फैसले से स्वास्थ्य और सुरक्षा के मुद्दों पर एक महत्वपूर्ण संदेश गया है।

पहले मामले में गोविंदा विश्वास, निवासी आदित्यपुर, उत्तर पश्चिम बंगाल को बिना डॉक्टर के पर्चे और बिना लाइसेंस के भारी मात्रा में एलोपैथिक दवाइयां रखने का दोषी पाया गया। अदालत ने उसे औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम के तहत अपराध करने पर 6 महीने के साधारण कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। यह फैसला ऐसे अपराधों के प्रति अदालत की सख्ती को दर्शाता है।

दूसरे मामले में कुमारेश विश्वास, निवासी गांव मान, तहसील अर्की, जिला सोलन को भी बिना डॉक्टर के पर्चे और लाइसेंस के 35 प्रकार की एलोपैथिक दवाइयां रखने का दोषी ठहराया गया। अदालत ने उसे औषधि एवं प्रसाधन सामग्री रखने के अपराध में 6 महीने का साधारण कारावास और 5 हजार रुपये जुर्माने की सजा दी। साथ ही अधिनियम की धारा 28 के तहत अतिरिक्त 3 महीने का साधारण कारावास भी सुनाया गया।

दोनों मामलों में जिला अटॉर्नी संजय पंडित ने बताया कि आरोपियों ने अनाम क्लिनिक चलाकर बिना लाइसेंस के एलोपैथिक दवाइयां रखी थीं, जो स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। औषधि निरीक्षकों ने संबंधित गवाहों की उपस्थिति में आरोपियों के क्लिनिक पर छापा मारकर दवाइयां बरामद कीं और उनके विरुद्ध शिकायत दर्ज की।


