ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- उपमंडल अर्की की ग्राम पंचायत चम्यावल के मढ़ती गांव के मनीष वर्मा ने अपनी कड़ी मेहनत और आत्मविश्वास के दम पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। उनका चयन भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT) में एग्जामिनर ऑफ पेटेंट्स एंड डिज़ाइन्स (पेटेंट अधिकारी) के पद पर हुआ है।

यह प्रतिष्ठित पदभार उन्हें भारतीय पेटेंट कार्यालय, नई दिल्ली में प्राप्त हुआ है। इस चयन के लिए उन्होंने तीन चरणों — प्रीलिम्स, मेन्स और इंटरव्यू — की कठिन परीक्षा को सफलतापूर्वक पार किया, जिसे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित किया गया था।
विशेष बात यह है कि मनीष ने यह सफलता बिना किसी कोचिंग के, जॉब के साथ-साथ सेल्फ स्टडी के बलबूते पर प्राप्त की है।

इससे पहले मनीष पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ में मेडिकल टेक्नोलॉजिस्ट के पद पर कार्यरत थे और वहां उन्होंने छह वर्षों तक अपनी सेवाएं दीं। वे लैब टेक्नोलॉजी में बीएससी के गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुके हैं, जो उनकी अकादमिक उत्कृष्टता को दर्शाता है।
करियर की शुरुआत में उन्होंने मेडिकल रिसर्च के क्षेत्र में भी कार्य किया है, और उनकी कुछ रिसर्च उनके नाम से प्रकाशित भी हो चुकी हैं — जो उनके वैज्ञानिक दृष्टिकोण और समर्पण का प्रमाण है।

उनके पिता सुरेन्द्र वर्मा विद्युत विभाग से सेवानिवृत्त हैं। मनीष की इस ऐतिहासिक सफलता से न केवल मढ़ती गांव, बल्कि पूरी चम्यावल पंचायत में गर्व और हर्ष की लहर है।
गौरतलब है कि इस प्रतिष्ठित चयन प्रक्रिया में पूरे हिमाचल प्रदेश से केवल दो अभ्यर्थी सफल हुए हैं, जिनमें से एक मनीष वर्मा हैं। उनकी यह उपलब्धि न केवल ग्रामीण पृष्ठभूमि के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है, बल्कि यह सिद्ध करती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति, अनुशासन और निरंतर परिश्रम से कोई भी ऊँचाई हासिल की जा सकती है।




