बगल्यानी बोली पर राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में कार्यक्रम आयोजित

ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-दाड़लाघाट,राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में बगल्यानी बोली पर भाषा एवं संस्कृति विभाग सोलन के सौजन्य से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता स्थानीय साहित्यकार डॉक्टर अशोक कुमार गौतम ने की। कार्यक्रम की शुरुआत सर्वप्रथम जिला भाषा अधिकारी ममता वर्मा,प्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार डॉ हेम राज कौशिक,डॉ अशोक गौतम,भाषा व संस्कृति विभाग सोलन से ममता ठाकुर विद्यालय के कार्यकारी प्रधानाचार्य महेंद्र पाल कौंडल ने दीप प्रज्वलित करके की।

ज्योति व सहेलियों ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। साहित्यकार नेम चंद ठाकुर ने वर्तमान अर्की जो पहले स्वतंत्र बाघल रियासत के नाम से जानी जाती थी और बाघल रियासत में बोली जाने वाली भाषा बगल्यानी थी,उस पर बहुत ही सुन्दर शोध पत्र का वाचन किया। नेमचंद ठाकुर ने शोध पत्र के माध्यम से अर्की की बगल्यानी बोली का जो इतिहास रहा है उसके बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। शोध पत्र के माध्यम से बताया बागल रियासत की स्थापना कब व किसने की तथा इसकी राजधानी किस किस जगह रही। यहां पर किन-किन राजाओं का राज रहा। अपने शोध पत्र के माध्यम से बताया कि बाघल नाम कैसे पड़ा।

हमारी बगल्यानी बोली का महत्व बताते हुए कहा की बगल्यानी बोली एक ऐसी बोली है जिसको पूरे देश प्रदेश के लोग समझ सकते हैं और बोल सकते है। इस भाषा में किन-किन शब्दों का प्रयोग नहीं होता है और क्यों नहीं होता आदि के बारे में विस्तार से बताया। साहित्यकार डॉक्टर हेमराज कौशिक व जागृति कपिल ने शोध पत्र पर परिचर्चा में भाग लिया। इस अवसर पर डॉक्टर अशोक कुमार गौतम की पांच पुस्तकों का जिसमें प्रथम पुस्तक चरण कमल बंदों हरि राई,दूसरी क्या बोलूं क्या बकवास करूं,तीसरी हम फ्रॉग है सेम ताल के,चौथी फर्जी की जय बोल,पांचवी टैलेंट हंट इवेंट का अखाड़ा का विमोचन किया गया। उसके उपरांत कवि यादव किशोर गौतम ने बेल बजी बेल बजी बज्जी बेल बाडिया अमर सिंघा करे आईजा बेल बजी बाडिया पर सुंदर प्रस्तुति दी।

भाषा अध्यापक राकेश रघुवंशी ने आज काला रे ड्राइवरा रा देखो हाल जे देखो इना री स्पीड तो गंजया रे भी खड़े हुई जाओ ए शिरो रे बाल। बृजलाल शर्मा ने फैशनो रा देखो बड़ा कमाल ये बदलदा रहो सालो रे साल,सडका ते लईकी शॉपिंग मॉल चौं किनारे इने मचाई धमाल। चेतराम भार्गव ने कविता डूबी गया तारा भूमतिया रे चंदो रा था पवन न्यारा पल्ले पल्ले रो ओ सब सबी रा था प्यारा। सचपाल ने झूठा केथी भी न बचा और झूठा केथी भी ना सेट और वहीं दिग्विजय सिंह कंवर ने आज ना प्यागा उठदी अम्मा ना अब्बे सूरज उग्गदा मेरा आदि प्रस्तुतियों के माध्यम से खूब तालियां बटोरी। स्थानीय विद्यालय से प्रवक्ता अनिता कौंडल,प्रवक्ता सन्तोष कुमारी,छात्र उद्धव,पूर्णिमा व कीर्ति मिश्रा ने भी अपनी प्रस्तुति दी। जिला भाषा अधिकारी ममता वर्मा ने कहा कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य हमारी बोलियां जो आजकल लुप्त हो रही है उनका संवर्धन करना है।

इस तरह के कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपनी आने वाली पीढ़ियों के लिए अपनी बोली जाने वाली बोली को बचाने की शुरुआत है जो हर हाल में जरूरी है। आजकल की हमारी युवा पीढ़ी आधुनिकता के दौर से गुजर रही है और हम अपनी संस्कृति,रीति रिवाज और बोली से दूर होते जा रहे हैं जो की हमारे लिए चिंता का विषय है। हमारी अपनी बोली ही हमें अपनी पहचान देती है। इस अवसर पर स्कूल प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नीम चंद ठाकुर,कार्यकारिणी के सदस्य मनोहर लाल,श्याम लाल,जीतराम,लेख राम,मुंशी राम ठाकुर,रतीराम,मेहर चंद और विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।

LIC

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