भांग की औषधीय गुणवत्ता के कारण ही इसकी खेती पर पायलट अध्ययन की स्वीकृति, सरकार की मंशा प्रदेश में नशा बढ़ाना नहीं -नरेश चौहान

ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-शिमला,भांग की खेती को लेकर मीडिया में फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर करने पर अपना पक्ष रखते हुए मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान ने स्पष्ट किया है कि भांग की खेती को लेकर प्रस्तावित पायलट परियोजना को सैद्धांतिक मंजूरी प्रदान करने के पीछे सरकार की मंशा प्रदेश में नशा फैलाना या नशे को बढावा देना नहीं है बल्कि भांग की औषधीय गुणवत्ता तथा इसके कच्चे माल से बनने वाली वस्तुओं को उपयोग में लाकर किसानों एवं राज्य के बेरोजगार युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करना है।
उन्होंने बताया कि भांग की खेती को लेकर हमारी सरकार सत्ता में आने के बाद लगातार चर्चा कर रही है। इसमें कुछ समितियां बनीं और कुछ लोग बाहर भी गए।

विधानसभा में भी यह मुद्दा उठा था जिसके बाद कमेटी का गठन किया गया जिसमें सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक लोग भी शामिल हुए। उसकी रिपोर्ट आने के बाद ही 24 जनवरी को आयोजित मंत्रिमण्डल की बैठक में सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला लिया गया कि अभी परीक्षण के तौर बागवानी विश्वविद्यालय तथा कृषि विश्वविद्यालय मिलकर इस पर शोध करेंगे। इसमें कोई दो मत नहीं कि भांग को अपनी औषधीय,औद्योगिक और सांस्कृतिक उपयोगिता के लिए जाना जाता है। हमारी सरकार यह जानने का प्रयास कर रही है कि दुनियां के कौन-कौन देश इस विषय में कार्य कर रहे हैं। हम अपने वैज्ञानिकों को बाहर के देशांे में भेजेंगे और यह जानने का प्रयास करेंगे कि उनके पास क्या तकनीक है और किस तरह से इसका उपयोग हो रहा है।

नरेश चौहान ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा प्रदेश के लोगों के जहन में यह बात डालने का प्रयास किया जा रहा है और विपक्ष भी इस मामले को तूल देने में लगा है। प्रदेश सरकार तय कर चुकी है कि वह इस विषय के सभी पहलुओं बारीकी से अध्ययन करवाएगी और इस बारे में लोगों के सुझाव भी लेगी तथा उसके पश्चात ही किसी निर्णय पर पहुॅचेगी। उन्होंने समाज हित को सर्वोपरि मानते हुए हमारी सरकार किसी जल्दबाजी के पक्ष में नहीं है। प्रदेश में बढ़ रही नशाखोरी पर चिन्ता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार स्वंय भी इस मामले में पूरी तरह चिन्तित है और इसके लिए गम्भीर प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन भांग की खेती से इसका कोई सरोकार नहीं है। जहंा तक दवाईयों के सैंपल फेल होने की बात कही जा रही है, उसके बारे में भी सरकार पूरी तरह से गम्भीर है तथा लोगोें की सेहत और उनके जीवन से खिलवाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

इस सम्बन्ध में पुलिस तथा सम्बन्घित विभाग को दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करने के निदेश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आमजन तथा स्वंयसेवी एवं समाजसेवी संस्थाओं के सुझाव अथवा फीडबैक आने पर ही कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने प्रदेश के राज्यपाल तथा विपक्ष के नेता से भी आग्रह किया कि उनके पास यदि कोई अच्छा सुझाव हो वह सरकार को बताएं जिस पर सरकार तुरन्त अमल कर सके। इसके सभी पहलुओं पर गहनता से विचार करके ही इस प्रस्तावित पायलट परियोजना को आगे बढ़ाया जाएगा।

LIC

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