ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-मुख्यमंत्री के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने आज यहां कहा कि जब भी दूसरे राज्यों में चुनाव आते हैं हिमाचल भाजपा के नेता वहाँ चुनाव प्रचार में जाकर हिमाचल के बारे में झूठा प्रचार करके जनता के बीच में भ्रम फैलाते हैं,वे गलत जानकारी देते हैं और हिमाचल सरकार की छवि को बिगाड़ने का प्रयास करते हैं। हरियाणा और जम्मू कश्मीर के विधानसभा के चुनावों में भी भाजपा के नेताओं ने हिमाचल की सुक्खू सरकार को आर्थिक प्रबन्धन में अक्षम ठहराकर सरकार को बदनाम करने का काम किया था मगर मुख्यमंत्री सुक्खू ने प्रदेश के लाखों कर्मचारियों और पेंशन भोगियों को समय से पहले वेतन एवं पेंशन देकर यह साबित कर दिया कि वह एक सक्षम मुख्यमंत्री हैं और हिमाचल में किसी प्रकार का आर्थिक संकट नहीं है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता बाहर के राज्यों में अपने ही राज्य और और यहाँ की सरकार के खिलाफ ऐसा दुष्प्रचार करके क्या यह साबित करना चाहते हैं कि वे हिमाचल के दुश्मन हैं।
नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा ने किस तरह से महाराष्ट्र में लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार को गिराया,यह किसी से छिपा नहीं है,यह बड़ा हास्यास्पद है कि आज भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व को चुनाव प्रचार के लिए हिमाचल से भाजपा नेताओं को ले जाना पड़ रहा है जिससे यह स्पष्ट मालूम पड़ता कि भाजपा के पास नेताओं की कमी हो गई है। उन्होंने प्रश्न किया कि चुनावी माहौल में समाज को बाटकर भाजपा और उसके सहयोगी दलों द्वारा वोट बटोरना और अपने पक्ष में मतदान करवाना क्या एक स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सही है।
हिमाचल सरकार की दो वर्ष की उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री सुखविंदर सिंह के दूरदर्शी नेतृत्व में हमारी सरकार ने 10 गारंटियों में से 5 गारंटियों को पूरा करके आधे लक्ष्य को हासिल कर लिया है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने जिस तरह से हिमाचल प्रदेश को आर्थिक रूप से कमजोर हालात में छोड़ा था,बावजूद उसके हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुक्खू ने अपनी दूरदर्शिता,कड़ी मेहनत और पक्के इरादे के चलते हिमाचल प्रदेश को लगातार विकास के पथ पर अग्रसित करने का काम किया है।
केन्द्र सरकार से पूर्ण सहयोग ना मिलने के बावजूद भी बाधाओं का डटकर सामना किया और सीमित संसाधनों के साथ प्रदेश की जनता को राहत पहुॅचाने का काम किया। नरेश चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ला लक्ष्य प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यस्था को मजबूत करना है। ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को अन्तिम पंक्ति तक बैठे पहुॅचाना ही उनका एकमात्र लक्ष्य है ताकि जरूरतमंद व्यक्ति मुख्यमंत्री की पहल से वंचित ना रहे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कम बोलने और ज्यादा काम करने में विश्वास करते हैं। वह कार्यक्रमों को धरातल पर वास्तविक रूप से उतारने का काम करते हैं मगर भाजपा के नेता प्रदेश सरकार की सिवाए टांग खिंचाई करने के कोई दूसरा काम नहीं करते।
नरेश चौहान ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार का हिमाचल प्रदेश को चलाने में कोई विजन नहीं रहा,पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर लगातार कर्जे पर कर्जा लेते रहे और प्रदेश पर आर्थिक बोझ लाद कर चले गए,जिसका खामियाजा आज इस सरकार और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ रहा है। जयराम सरकार ने पॉवर प्रोजैक्टस के मामले सारे नियमों को ताक पर रख कर हिमाचल के अधिकारों का आत्मसमर्पण किया और प्रदेश के हितों पर दाव पर लगा दिया। मुख्य संसदीय सचिवों को हटाने को लेकर उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनी तब 2006 का कानून लागू था जिसके तहत हमारी सरकार ने छः सीपीएस की नियुक्तियां कीं लेकिन इन नियुक्तियों को माननीय उच्च न्यायालय ने रद्द कर दिया है और हम इस निर्णय का स्वागत करते हैं। हमारी सरकार इस मामले को लेकर अब उच्चतम न्यायालय में गई है। लेकिन भाजपा के नेता असम के एक इसी तरह के कानून को लेकर इस मामले में भ्रम फैला रहे हैं,यह कानून हिमाचल पर लागू होगा या नहीं, यह माननीय उच्चतम न्यायालय पर निर्भर करेगा। यद्यपि मुख्यमंत्री ने छः सीपीएस की नियुक्तियाँ मुख्यमंत्री ने प्रदेश के हितों को ध्यान में रख कर ही की थीं ताकि प्रदेश सरकार की कार्यकुशलता बेहतर हो सके,लेकिन लगता है कि भाजपा के पास विरोध करने के सिवाये शायद कोई और मुद्दा नहीं है और उसे इस मामले को बेवजह इतना तूल नहीं देना चाहिए।
नरेश चौहान ने कहा कि भाजपा तोड़ फोड़ की राजनीति करती है और इसीलिए उसने हिमाचल प्रदेश में आपरेशन लोटस कर सरकार गिराने का कुत्सित प्रयास किया जिसमें वह सफल नहीं हो पाई और उसे मुँह की खानी पड़ी।