ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- अभाविप ने पूर्व सरकारों के प्रति रोष प्रकट करते हुए कहा कि छात्रों के एकमात्र लोकतांत्रिक अधिकार, छात्र संघ चुनाव, को लगभग पिछले 10 वर्षों से बंद किया गया है और सरकारों ने इस विषय पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का काम किया है। छात्र संघ चुनाव छात्रों की आवाज उठाने का एकमात्र माध्यम था। वर्तमान समय में छात्रों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई प्रतिनिधि न होने के कारण प्रशासन मनमानी करता दिख रहा है। इसलिए विद्यार्थी परिषद ने कहा कि छात्र संघ चुनाव जल्द बहाल किए जाएं।

अभाविप ने अपनी मांग में लंबे समय से लंबित पड़ी गैर शिक्षक वर्ग की भर्ती प्रक्रिया को जल्द शुरू करने की आवश्यकता बताई। परिषद ने कहा कि गैर शिक्षक भर्ती के लिए छात्रों से भी फीस ली गई, लेकिन प्रशासन ने अभी तक ऐसी भर्ती नहीं करवाई है।

मुख्यमंत्री से विद्यार्थी परिषद ने नए छात्रावासों के निर्माण कार्य को जल्द शुरू करने की मांग की। इकाई मंत्री अविनाश ने कहा कि विश्वविद्यालय के बनने के समय के बने हुए छात्रावास अब सुधार की स्थिति में हैं। उनकी मरम्मत जल्द करवाई जाए और नए छात्रावासों का निर्माण किया जाए ताकि प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों और निम्नवर्ग के विद्यार्थियों को आवास की उचित सुविधा मिल सके।

विद्यार्थी परिषद की अगली मांग राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में जल्द लागू करने की थी। परिषद ने कहा कि नई शिक्षा नीति स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है जिसमें बुनियादी तौर पर बदलाव किए गए हैं, लेकिन यह पहली ऐसी शिक्षा नीति है जो औपनिवेशिक विचार को तोड़ते हुए भारतीय विचार पर केंद्रित है। नई शिक्षा नीति का उद्देश्य बच्चों को तकनीकी और रचनात्मकता के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता से अवगत कराना है। ऐसी शिक्षा नीति को लागू करने में प्रशासन विलंब न करे।

इसी के साथ परिषद ने विश्वविद्यालय में इंडोर स्टेडियम की भी मांग की। उन्होंने कहा कि छात्रों को खेल की तरफ आकर्षित करने और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए इंडोर स्टेडियम का होना बहुत जरूरी है। अभाविप ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास खुद का इंडोर स्टेडियम नहीं है।
मुख्यमंत्री ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं को आश्वासन दिया कि सभी मांगों को पूर्ण करने की कोशिश की जाएगी।


