अम्बुजा सीमेंट कंपनी दाड़लाघाट में फैल रहा भयंकर प्रदूषण,किसान सभा के सयोजक जगदीश शर्मा ने दिया ब्यान।

ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़,दाड़लाघाट  अम्बुजा सीमेंट कंपनी और प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों की मिलीभगत से पूरे इलाके में जानलेवा भारी प्रदूषण फैलाया जा रहा है।दाड़लाघाट पंचायत से पूर्व पंचायत सदस्य एवम प्रभावित किसान सभा के संयाेजक जगदीश शर्मा ने यह बात प्रेस को जारी ब्यान में कही।उन्होंने कहा कि 2011 में नेशनल ग्रीन ट्रीब्यूनल में उनके द्वारा इलाके में फैल रहे प्रदूषण को लेकर दायर याचिका के दौरान 2016/17 में अम्बुजा सीमेंट कपंनी द्वारा रौड़ी गांव के धाऊटी,रौड़ी गांव की बाऊड़ी तथा रौड़ी गांव के गुरुदारा में जो प्रदूषण मापक यंत्र लगाए थे वहां प्रदूषण के सैंपल फेल पाए गए थे,जिस पर एनजीटी कोर्ट ने कंपनी को कड़ी फटकार लगाई थी और कंपनी को इसमे सुधार करने का एक मौका दिया गया था लेकिन उसके बाद कंपनी ने जिला पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलिभक्त से उन प्रदूषण मापक यन्त्रों को इन स्थानों से ही हटा दिया और उन्हें गांव की पहाड़ियों के पीछे ऐसे स्थानों में स्थापित किया हुआ है,जहां प्रदूषण की पहुँच नहीं है और वहां के सैंपल पास बताकर कोर्ट को गुमराह किया गया है,जबकी स्थानीय गांव रौड़ी,खाता,बागा,सुल्ली,बटेड़,कून,पछीवर,सूलग,सरडमरास के लोग प्रदूषण से बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।उन्होंने कहा कि महिलाओं का घासनियों में घास काटना मुश्किल हो गया है।घासनियों में घास पर सीमेंट की धूल और कोयले की कालिख की परतें जमीन हुई हैं,जिसे मौका पर कभी भी देखा जा सकता है।इसी वजह से इलाके में लोगों को भयंकर जानलेवा बीमारियां खासकर दमा,खांसी और शारीरिक एलर्जी जैसे रोग से जकड़ चुके हैं लेकिन इस बारे में कोई भी इलाके के लोगों की लेने वाला नहीं है।जगदीश शर्मा ने कहा कि अगर कंपनी ने जल्द प्रदूषण पर रोक नही लगाई और प्रदूषण मापक यन्त्रों को पुराने स्थानों पर जहां 2016/17 में सैंपल फेल हुए थे,वहां स्थापित नही किया तो जल्द ही पूरे इलाके के प्रभावित किसान इक्टठा होकर कंपनी का घेराव करेंगे।उन्होने कहा कि जल्द ही किसानों का प्रतिनिधिमंडल सदस्य सचिव पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड हिमाचल प्रदेश से भी इस बारे मिलेगा।

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जब इस बारे प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी प्रदीप मोदगिल से बात की गई तो उन्होंने कहा की प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड द्वारा हर महीने दो बार इस मॉनिटरिंग प्लांट पर विजिट की जाती है और हर महीने इसकी सेंपलिंग भी की जाती है।उन्होंने बताया कि एनवायरनमेंट मानिटरिंग प्लांट प्रदूषण के विशेषज्ञों द्वारा स्थापित किया गया है वे लोग ही यह सुनिश्चित करते हैं कि मॉनिटरिंग प्लांट कहां लगाया जाए जहां से इसकी पूर्ण गुणवत्ता की जांच हो सके।केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड तथा एनजीटी के निर्देशानुसार जो भी रेड केटागिरी के प्लांट होते हैं उनकी ऑनलाइन रियल लाइन नियमित मॉनिटरिंग होती है।अतः इस प्लांट की गुणवत्ता में कोई भी न्यूनता नहीं पाई गई है।उन्होंने बताया फिर भी यदि लोगों को किसी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है तो हम विशेष रूप से वहां जाकर उसकी जांच करेंगे।

LIC

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