सीपीएस सजंय अवस्थी रहे कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि उपस्थित
ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- राजकीय महाविद्यालय अर्की में आज युवा उत्सव – सृजन के अंतर्गत खुले मेले का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की जानकारी देते हुए महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी एसोसिएट प्रोफेसर डॉ राजन तनवर ने बताया कि इस कार्यक्रम में सीपीएस सजंय अवस्थी बतौर मुख्यातिथि उपस्थित रहे।

उन्होंने युवा सृजन उत्सव मेले के उद्घाटन के उपरांत महाविद्यालय में स्थापित मां सरस्वती की मूर्ति का अनावरण , डिजिटल गेट का उद्घाटन ,साइबर कैफे के उद्घाटन के अतिरिक्त प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत महाविद्यालय में 200 प्रशिक्षुओं के लिए 570 घंटे का “5G नेटवर्किंग टेक्नीशियन के कौशल विकास प्रोग्राम” का शुभारंभ भी किया ।

कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय प्राचार्या प्रोफेसर सुनीता शर्मा ने मुख्य अतिथि का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनके आदेशों की पालना करते हुए सरकार ने राजकीय महाविद्यालय अर्की में एमए अंग्रेजी तथा इतिहास विषय कक्षाएं आरंभ कर दी है। मुख्य अतिथि के समक्ष सृजन उत्सव युवा मेले का कार्यवृत्त प्रस्तुत किया तथा उन्होंने विद्यार्थियों की सृजनशीलता को सराहते हुए कहा कि राजकीय महाविद्यालय अर्की के विद्यार्थी किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है उनमें सृजनशीलता कूट-कूट कर भरी है। हमारे महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न खाद्य पदार्थों के स्टॉल लगाकर यह सिद्ध कर दिया है कि अध्ययन करते हुए उनका सर्वांगीण विकास हो रहा है। वे आवश्यकता पड़ने पर स्वयं को किसी भी क्षेत्र में आजमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि अर्की महाविद्यालय में 5G नेटवर्किंग टेक्नीशियन का कोर्स आरंभ होने से क्षेत्र के 200 से अधिक युवा इसका लाभ ले सकते हैं तथा कोर्स पूरा करने के उपरांत उन्हें भारत सरकार के कौशल विकास निगम द्वारा नौकरी भी प्रदान की जाएगी।

मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में कहा कि राजकीय महाविद्यालय अर्की के विद्यार्थी अपनी प्रतिभाओं के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाएंगे। उन्होंने महाविद्यालय में पॉलिटिकल साइंस तथा एम ए हिंदी की कक्षाएं भी अगले सत्र से आरंभ करने का आश्वासन दिया। विद्यार्थियों की फाइन आर्ट्स की रुचि को देखते हुए तथा उनकी पेंटिंग तथा स्केचेस कि सराहना करते हुए कहा कि निकट भविष्य में वे महाविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर फाइन आर्ट्स का पद सृजित करवाने के लिए प्रयास करेंगे। विद्यार्थियों की सृजनशीलता की सराहना करते हुए कहा कि आज मैं महाविद्यालय का नया रूप देख रहा हूं , आज हमें परंपरागत शिक्षा के रूप को बदलने की आवश्यकता है उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यदि वे जीवन में लक्ष्य निर्धारित करते हैं तो उस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भी प्रयास करें। जब कोई लक्ष्य रूप में सीमाएं बांधता है तो उन सीमाओं तक पहुंच भी जाता है।





