ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़//दाड़लाघाट एक ओर सरकार जहां बेसहारा गोवंश को सड़कों पर छोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के दावे करती है,वहीं बेसहारा पशुओं को सड़कों पर छोड़ने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।सरकार ने टैगिंग करके इसे रोकने की कोशिश तो अवश्य की है लेकिन लोग हैं कि मानते ही नहीं और मौका मिलते ही रात के अंधेरे में उन्हें अपने गांव से दूर ले जाकर जंगल में छोड़ कर आ जाते है।ऐसा ही एक दर्दनाक मामला ग्राम पंचायत घणागुघाट के छिब्बर गांव में सामने आया है।छिब्बर गांव से महिला मंडल की प्रधान सरला ठाकुर ने बताया कि इनके गांव में इस प्रकार के दो पशु जिनकी टैगिंग भी की गई है,कई दिनों से लोगों की फसलों का काफी नुकसान कर रहे थे।गांव वालों ने इनकी टैगिंग के आधार पर इन पशुओं के असली स्थान का पता किया तो इन्हें पता चला कि दोनों गोवंश सनोग पंचायत के खजला गांव में किसी महिला के नाम से पंजीकृत हैं,उन्होंने उस महिला व वहां की पंचायत प्रधान से इन पशुओं को ले जाने का आग्रह किया लेकिन वह टालमटोल ही करते रहे,अब स्थिति यह बन गई है कि तेंदूए ने गोवंश में से गाय को बुरी तरह से नोच डाला है और वह मर चुकी है।साथ में एक बैल को भी तेंदुए ने घायल कर दिया है और वह तड़प- तड़प कर अंतिम सांसे गिन रहा है।पशु चिकित्सालय से आए जितेंद्र कुमार 2 दिनों से घायल बैल की मरहम पट्टी कर रहे है।मौके पर पहुंचे उप प्रधान प्रवीण कुमार,हेमलता, जगदीश,हरीश,कुसुम लता,रेनू प्रेम और यूथ क्लब के सदस्यों ने बताया कि उनके गांव में पहले भी कई बार इस प्रकार के बेसहारा गोवंश छोड़े जा चुके हैं।लोगों ने पैसे इकट्ठे कर उन्हें गौ सदन में पहुंचाया लेकिन इस बार उन्होंने ऐसे लोगों को सबक सिखाने की ठानी है।उनकी मांग है कि ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाए ताकि लोग इस प्रकार गोवंश को बेसहारा न छोड़ सकें वरना पशुओं की टैगिंग करने से क्या लाभ?