ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- खण्ड कार्यालय अर्की के सभागार में खण्ड चिकित्सा अधिकारी डा. तारा चन्द के आदेशानुसार विश्व रेबीज दिवस का आयोजन किया गया। इसमें चिकित्सा अधिकारी डॉ कविता ने ने उपस्थित सदस्यों को जागरूक करते हुए बताया कि रेबीज एक संक्रामक रोग है जो लासा वायरस के कारण फैलता है।
यह वायरस संक्रमित जानवर जैसे कुत्ता, बिल्ली, गाय, भैंस, बकरी, बन्दर इत्यादि के सलाईबा या लार में पाया जाता है। जब यह संक्रमित जानवर किसी मनुष्य को काटता है या खरोंच मारता है तू वो लार मनुष्य के घावों के संम्पर्क में आती है और वायरस शरीर में प्रवेश कर जाता है।उन्होंने कहा कि यदि समय घर इसका उपचार न करवाया जाए तो रेबीज जानलेवा हो जाता है। यही कारण है कि भारत में प्रति वर्ष 20,000 लोगों की मृत्यु रेबीज के कारण होती है, जिनमें 40 प्रतिशत संख्या बच्चों की रहती हैं।
स्वास्थ्य शिक्षक, चमन लाल ने भी भी सभी को जागरूक करते हुए बताया कि किसी भी जानवर के काटने पर लापरवाही नहीं करनी चाहिए।उन्होंने कहा कि घाव को शीघ्र ही साबुन व बहते हुए पानी से 15 से 20 मिनट तक धोना चाहिए और घाव पर किसी प्रकार की ड्रेसिंग नहीं करनी चाहिए, बल्की शीघ्र ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में दिखाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक बार रेबीज हो जाने पर मौत निश्चित है परन्तु यदि जागरुक रहें तो रेबीज से सौ प्रतिशत बचा जा सकता है।
कार्यक्रम में डा. शिवांकी सहित अन्य कर्मचारियों ने भी भाग लिया।