ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज :- प्रदेश की वर्तमान सरकार ने कार्यभार ग्रहण करते ही शारीरिक शिक्षकों के प्रदेश भर में 870 पद भरने का निर्णय लिया था जिन्हें भरने की प्रक्रिया कई जिला उपनिदेशक कार्यालयों में प्रारंभ भी कर दी गई थी। परंतु न जाने किन कारणों से यह नियुक्तियां अब न्यायालय से स्टे होने के कारण अधर में लटकी हुई हैं जिसके कारण प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का सर्वांगीण विकास नहीं हो पा रहा है । जानकारी देते हुए हिमाचल प्रदेश शारीरिक शिक्षक संघ जिला सोलन के प्रधान भास्कर ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के बहुत से विद्यालयों में इस समय शारीरिक शिक्षक के पद रिक्त चल रहे हैं । जिसके कारण बच्चे खेलकूद प्रतियोगिताओं में सुचारू रूप से भाग नहीं ले पा रहे हैं।

उन्होंने प्रदेश सरकार एवं शिक्षा विभाग से मांग की है कि वह यथाशीघ्र न्यायालय की प्रक्रिया को पूर्ण करके शारीरिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया को प्रारंभ करें। उनहोंंने कहा कि यह भी एक विडंबना का विषय है जहां एक तरफ हम खेलों को महत्व दे रहे हैं वहीं दूसरी तरफ हमारे प्रदेश के लगभग 380 विद्यालय ऐसे हैं जहां पर डीपीई के पद सृजित ही नहीं है। पिछले काफी समय से पीईटी अध्यापकों की प्रमोशन को भी दरकिनार किया जा रहा है जिससे सभी शारीरिक शिक्षकों में भारी रोष पनप रहा है। जब नियमित रूप से सभी विषयों के अध्यापकों की प्रमोशन होती है तो फिर शारीरिक शिक्षकों के साथ ऐसा भेदभाव क्यों? शारीरिक शिक्षक के बिना विद्यालयों में ‘फिट इंडिया मूवमेंट’ ‘खेलेगा इंडिया तो बढ़ेगा इंडिया’ इत्यादि योजनाओं को बढ़ावा देना और बच्चों का सर्वांगीण विकास करना बहुत मुश्किल है ।उनहोंंने प्रदेश सरकार से निवेदन किया है कि इन सभी विषयों पर शीघ्र-अतिशीघ्र कोई न कोई निर्णय जरूर लिया जाए। उनहोंंने बताया कि शारीरिक शिक्षक संघ का एक प्रतिनिधिमंडल बहुत जल्दी ही प्रदेश सरकार से मिलेगा।




