ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज :- भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, जिला कमेटी सोलन ने आज दिनांक 16 दिसंबर, 2022 को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए हिमाचल प्रदेश के दाड़लाघाट व बरमाणा मे स्थित अंबुजा व एसीसी सीमेंट प्लांट के अदानी समूह द्वारा खरीदे जाने के बाद मनमाने तरीके से स्थानीय ट्रक ऑपरेटरों व ट्रांसपोर्टरों पर किराया कम करने का दबाव बनाने व कंपनी को हो रहे नुकसान का हवाला देते हुए गैर कानूनी तरीके से कंपनी को बंद कर देने के फैसले को तुगलकी फरमान करार दिया है व विरोध जताया है।

भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी जिला कमेटी सोलन के जिला सचिव मोहित शर्मा ने कहा कि उनकी पार्टी का मानना है कि अदानी समूह का यह तुगलकी फरमान उनकी केंद्र की सत्ता में मोदी के नेतृत्व में सत्तासीन भाजपा सरकार से नज़दीकियों व केंद्र सरकार द्वारा दरबारी पूंजीवाद को बढ़ावा देने की कार्यप्रणाली का नतीजा है।

जिसके चलते अदानी समूह व केन्द्र सरकार देश के अंदर सभी सरकारी व निजी संपत्तियों पर अदानी समूह का एकाधिकार स्थापित करवाने के लिए सरकारी तंत्र का दुरुपयोग तक करने से पीछे नहीं हट रहे हैं।

इसका ताजा उदाहरण अदानी समूह व इसके जैसे अन्य कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए लाए गए तीन कृषि कानून व आजादी के आंदोलन के समय से मजदूरों के द्वारा लंबे संघर्षों के चलते हासिल किए गए श्रम कानूनों को बदलकर चार श्रम संहिताओं में तब्दील कर दिया जाना है, जिसके चलते अदानी समूह व इसके जैसे अन्य बड़े कॉरपोरेट घरानों को आम किसानों व मजदूरों की खुली लूट करने का न्योता सरकार द्वारा दिया जा रहा है। इसी कड़ी में इसी कड़ी में सरकार की शह पाकर अदानी समूह दाड़लाघाट व बरमाणा में इस तरह के तुगलकी फरमान जारी कर रहा है।

गौरतलब है कि इन कंपनियों की स्थापना के समय स्थानीय किसानों से जमीनें लेकर जब इन कंपनियों को स्थापित किया गया था तो स्थानीय किसानों के साथ कई करारनामों पर हस्ताक्षर करवाए गए थे, जिसके अंतर्गत स्थानीय लोगों को इन कंपनियों में गाड़ियां लगाने व रोजगार के अवसर मुहैया करवाने का वादा किया गया था।

वर्तमान समय में अदानी समूह द्वारा जारी किए गए यह तुगलकी फरमान उन तमाम वादों के खिलाफ हैं। इसके साथ ही साथ इन दोनों सीमेंट प्लांट में लगभग 15,000 से अधिक ट्रांसपोर्टर, ट्रक ऑपरेटर व कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, जिनके ऊपर उनके परिवार के सदस्यों सहित हजारों की संख्या में लोग आश्रित हैं। इस तरह से गैर कानूनी तरीके से इन प्लांटों को बंद कर देने से इन तमाम लोगों की जीवनयापन पर खतरा मंडरा रहा है। भारत की मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी अदानी समूह व सरकार को यह चुनौती देती है कि समय रहते अदानी समूह व ट्रक ऑपरेटर, ट्रांसपोर्टरों और कर्मचारियों की बैठक करवाकर इस मसले का हल निकाला जाए अन्यथा मजबूरन स्थानीय लोगों को लामबंद करते हुए कंपनी प्रशासन व सरकारों के खिलाफ आंदोलन तैयार किया जाएगा, जिसकी जिम्मेवारी केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार व अदानी समूह की होगी।

