एजेंसी,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि पिछले तीन से चार वर्ष में देश में सात सौ से अधिक कृषि स्टार्ट-अप तैयार हुए हैं। श्री मोदी ने कहा कि मात्र छह वर्ष में कृषि बजट में कई गुना बढोत्तरी हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्ष में किसानों के लिए कृषि ऋण ढाई गुना बढा है। कृषि क्षेत्र में केन्द्रीय बजट 2022 के सकारात्मक प्रभाव के बारे में आयोजित वेबीनार को वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के लिए बजट में प्रस्तावित सात उपायों का उल्लेख किया।प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य गंगा के दोनों किनारों पर पांच किलोमीटर के दायरे में मिशन मोड पर प्राकृतिक खेती शुरू करना है। किसानों को खेती-बाडी और बागवानी के लिए आधुनिक प्रौदयोगिकी उपलब्ध कराई जायेगी। श्री मोदी ने कहा कि खाद्य तेल के आयात को कम करने के लिए बजट में मिशन ऑयल पाम को मजबूत करने पर जोर दिया गया है। कृषि उपज की आवाजाही के लिए पीएम गतिशक्ति योजना के जरिये नये लॉजिस्टिक प्रबंध किये जायेंगे।प्रधानमंत्री ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से कृषि और खेती बाडी में पूर्ण रूप से बदलाव आयेगा। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में ड्रोन का बढता इस्तेमाल इस बदलाव का हिस्सा है। श्री मोदी ने देश में मिट्टी की जांच की संस्कृति को बढाने की आवश्यकता पर बल दिया। सरकार की मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने स्टार्ट अप से नियमित अंतराल पर मिट्टी की जांच की प्रक्रिया को सुगम बनाने के लिए आगे आने का आहवान किया।वेबीनार के दौरान प्रधानमंत्री ने उन उपायों पर चर्चा की जिससे बजट से कृषि क्षेत्र में योगदान होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना छोटे किसानों के लिए बहुत बडा सम्बल बनी है। इस योजना के अन्तर्गत 11 करोड किसानों को लगभग एक लाख 75 हजार करोड रूपये दिये गये हैं। श्री मोदी ने बाजार से बीज तक तैयार की गई नई व्यवस्थाओं तथा कृषि क्षेत्र में पुरानी व्यवस्थाओं में किये गये सुधारों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महामारी के मुश्किल दौर में किसान क्रेडिट कार्ड वितरित किये गये।प्रधानमंत्री ने बताया कि छोटे किसानों को बहुत लाभ देने के लिए कैसे सूक्ष्म सिंचाई तंत्र को मजबूत किया गया है। श्री मोदी ने कहा कि इन प्रयासों के कारण किसान, रिकॉर्ड पैदावार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहन देने से जैविक उपज का बाजार 11 हजार करोड रूपये तक पहुंच गया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023 को अन्तर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में घोषित किया गया है। उन्होंने कॉरपोरेट जगत से भारत के मोटे अनाजों की ब्रैंडिंग और उन्हें बढावा देने के लिए आगे आने का आग्रह किया।प्रधानमंत्री ने विदेशों में प्रमुख भारतीय मिशनों से भारत के मोटे अनाजों की गुणवत्ता और फायदों के प्रसार के लिए संगोष्ठियों और अन्य गतिविधियों का आयोजन करने को कहा।प्रधानमंत्री ने पराली के प्रबंधन पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए इस बजट में कुछ नये उपाय किये गये हैं जिससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आयेगी तथा किसानों की आय और अधिक बढेगी। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश में उत्पादित प्राकृति जूस की विभिन्न किस्मों को बढावा दिया जाना चाहिए और मेक इन इंडिया के दृष्टिकोण के साथ देश के कोने कोने तक पहुंचाया जाना चाहिए।