ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- अर्की उपमण्डल की दूरदराज ग्राम पंचायत बेरल का पंचायत कार्यालय भवन बदहाली की तस्वीर बन चुका है। पंचायत भवन की जर्जर हालत को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है।
स्थानीय निवासी देवराज, सतपाल, मनोहर लाल, देवेंद्र, चमनलाल और हरिराम सहित कई ग्रामीणों ने बताया कि भवन की छत पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है, दीवारों में दरारें हैं और बारिश के मौसम में यह कभी भी ढह सकता है।

उन्होंने चिंता जताई कि पंचायत का पूरा रिकॉर्ड जैसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र, विकास योजनाओं से संबंधित दस्तावेज़ और वित्तीय फाइलें आदि इसी खस्ताहाल भवन में रखी गई हैं। यदि भवन को समय रहते सुरक्षित स्थान पर नहीं शिफ्ट किया गया, तो यह रिकॉर्ड नष्ट हो सकता है जिससे ग्रामीणों को आवश्यक सेवाएं प्राप्त करने में भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।
ग्रामीणो का कहना है कि न तो पंचायत भवन को किसी सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित किया गया और न ही नए भवन के निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम उठाया गया है।

सोशल मीडिया पर भी इस भवन की तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां पंचायत प्रतिनिधियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब पंचायत भवन जानलेवा स्थिति में पहुंच चुका है, तो जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी चुप क्यों बैठे हैं।
इस संबंध में जब पंचायत प्रधान से संपर्क करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया।

खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) कुनिहार कंवर तन्मय सिंह ने बताया कि भवन की खस्ताहाली को देखते हुए 22 जुलाई 2025 को जिला पंचायत अधिकारी सोलन को पत्र भेजा गया है, जिसमें पंचायत कार्यालय को अस्थायी रूप से किराए के किसी सुरक्षित निजी भवन में स्थानांतरित करने की अनुमति मांगी गई है।

उन्होंने बताया कि महिला मंडल सिहरली ने भी भवन देने से इनकार कर दिया है, और पंचायत क्षेत्र में कोई अन्य सरकारी भवन उपलब्ध नहीं है। ऐसी स्थिति में पंचायत को फिलहाल निजी भवन में शिफ्ट किया जाना बेहद जरूरी हो गया है।
बीडीओ ने यह भी बताया कि ग्राम पंचायत बेरल के निवासी रतनू राम और अन्य ग्रामीणों ने मोहल परला क्यार में खसरा नंबर 142 के तहत 10 बिस्वा भूमि पंचायत भवन निर्माण हेतु दान की है। भूमि से संबंधित जमाबंदी रिपोर्ट विभाग को भेज दी गई है और नए भवन के निर्माण के लिए बजट स्वीकृति की मांग की गई है।
तन्मय सिंह ने कहा कि भारी बारिश के चलते भवन की हालत और भी खराब हो गई है। उन्होंने उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर पंचायत कार्यालय को अस्थायी रूप से किराए के भवन में स्थानांतरित करने की अनुमति और नए भवन निर्माण के लिए बजट की स्वीकृति मांगी है।
स्थानीय ग्रामीणों ने पंचायती राज विभाग से मांग की है कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शीघ्र ठोस निर्णय लिया जाए, ताकि रिकॉर्ड सुरक्षित रह सके और आमजन को आवश्यक सेवाएं बाधित न हों।

