ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के उपलक्ष्य में ग्राम खाता, डाकघर दाड़लाघाट में एक विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस वर्ष का थीम “स्तनपान में निवेश, भविष्य में निवेश” रहा। शिविर में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को एचआईवी/एड्स, टीबी तथा स्तनपान के महत्व के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।

कार्यक्रम में परामर्श विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार शांडिल ने महिलाओं को संबोधित करते हुए कहा कि एचआईवी की समय पर जांच और उचित परामर्श मां और शिशु दोनों के स्वास्थ्य की दृष्टि से अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्तनपान के लाभों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नवजात को जन्म के पहले घंटे में कोलस्ट्रम यानी पहला गाढ़ा पीला दूध अवश्य पिलाना चाहिए, जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

डॉ. शांडिल ने बताया कि स्तनपान प्रसव के बाद होने वाले अत्यधिक रक्तस्राव को नियंत्रित करता है और प्लेसेंटा के बाहर निकलने में सहायता करता है। इसके अलावा स्तनपान कराने से माहवारी देर से आती है, जिससे गर्भ ठहरने की संभावना कम होती है। यह स्तन और अंडाशय के कैंसर की आशंका को भी घटाता है तथा प्रसव के बाद बढ़े वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है।

शिविर में महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षिका उषा ठाकुर विशेष रूप से उपस्थित रहीं। कार्यक्रम के सफल संचालन में आंगनवाड़ी कार्यकर्ता निशा ने सक्रिय सहयोग दिया। कुल 45 महिलाओं ने शिविर में भाग लिया और स्तनपान एवं अन्य स्वास्थ्य संबंधी विषयों पर जानकारी प्राप्त की।

यह जागरूकता कार्यक्रम खंड चिकित्सा अधिकारी अर्की, डॉ. मुक्ता रस्तोगी के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। शिविर का उद्देश्य महिलाओं को उनके स्वास्थ्य अधिकारों और शिशु पोषण के प्रति जागरूक कर, उन्हें सशक्त बनाना था ताकि वे सुरक्षित और स्वस्थ मातृत्व की दिशा में कदम बढ़ा सकें।


