ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज: हिमाचल पेंशनर्स फेडरेशन अर्की इकाई की बैठक आज मदन लाल गर्ग की अध्यक्षता में आयोजित हुई, जिसमें फेडरेशन के जिला प्रधान जयनंद शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक की शुरुआत में सेवानिवृत्त अध्यापक सूरत राम शर्मा के आकस्मिक निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया गया और उनकी आत्मा की शांति हेतु दो मिनट का मौन रखा गया।

बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों ने प्रदेश सरकार के पेंशनर विरोधी रवैये पर नाराजगी जताई और चेतावनी दी कि अब पेंशनरों का सब्र का बांध टूटने वाला है। वक्ताओं ने कहा कि इन पेंशनरों ने अपने जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा प्रदेश की सेवा में लगाया है, लेकिन आज जब वे बुढ़ापे और गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं, तब सरकार उनकी उपेक्षा कर रही है।

फेडरेशन ने सरकार से मांग की कि वर्ष 2016 से 2022 के बीच सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के सभी लंबित डयूज़ तुरंत जारी किए जाएं। साथ ही, 70 से 75 वर्ष आयु वर्ग के पेंशनरों को एकमुश्त एरियर भुगतान की घोषणा 15 मई को की गई थी, लेकिन आज तक उसका क्रियान्वयन नहीं हुआ है।

सदस्यों ने बताया कि पेंशनरों का महंगाई भत्ता अभी भी 43 प्रतिशत तक सीमित है, जबकि वर्तमान में 55 प्रतिशत डीए देय है। उन्होंने चार लंबित किस्तों के साथ-साथ 2022 से अब तक के डीए एरियर को भी जल्द जारी करने की मांग की। इसके अलावा चिकित्सा बिलों के भुगतान में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताते हुए इसके लिए अलग से बजट प्रावधान करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

इस अवसर पर गोपाल गुप्ता, रतनलाल कंवर, गोपाल सिंह, श्याम गुप्ता, रमेश, लेखराम, सूरत राम पाल, सीताराम, दुर्गाराम, देवेंद्र कुमार, दौलत राम, परमानंद, सावित्री देवी, सत्या वर्मा, कुसुम गुप्ता, राजेश, निर्मला सहित अनेक पेंशनर्स उपस्थित रहे।

फेडरेशन ने चेताया कि यदि सरकार ने शीघ्र सकारात्मक कदम नहीं उठाए, तो आंदोलन का रास्ता अपनाने से गुरेज नहीं किया जाएगा।


