ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- बथालंग मंदिर परिसर में हिमाचल संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित तीन दिवसीय पौरोहित्य एवं कर्मकांड शिविर में प्रतिभागियों को सनातन धर्म, पूजन पद्धति, ज्योतिष और प्रायोगिक कर्मकांड का विस्तृत ज्ञान दिया गया। शिविर का शुभारंभ संस्कृत महाविद्यालय के सेवानिवृत्त प्राचार्य एवं प्रसिद्ध कथावाचक आचार्य मदनमोहन ने किया, जिनका स्वागत आचार्य ललित और पवन शर्मा ने स्मृति चिह्न देकर किया। आचार्य मदनमोहन ने सनातन धर्म के महत्व और पूजा पद्धति का विस्तार से वर्णन किया। आचार्य ललित शर्मा ने संध्या विधि की प्रायोगिक शिक्षा दी, विशेष रूप से गायत्री मंत्र जप मुद्राओं का अभ्यास कराया। हितेश शास्त्री ने दैनिक व्यवहार में संस्कृत बोलचाल के प्रयोग पर मार्गदर्शन दिया।

शिविर के दूसरे दिन पंचदेव पूजन एवं नवग्रह पूजन पद्धति की शिक्षा दी गई। राजकीय संस्कृत महाविद्यालय तुंगेश, शिमला के प्राचार्य एवं प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य डॉ. रमेश शर्मा ने कालगणना, पंचांग विचार, नक्षत्र और राशियों का ज्योतिषीय महत्व समझाया। उन्होंने कुंडली विश्लेषण और फलित ज्योतिष के बारे में भी विस्तार से चर्चा की और प्रशिक्षुओं के प्रश्नों का समाधान किया। इस अवसर पर डॉ. रमेश शर्मा और आचार्य जगतप्रसाद शास्त्री को अकादमी द्वारा स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया।

शिविर के अंतिम दिन पुरोहितों के आचार-व्यवहार, दैनिक क्रियाकलापों और कुशकंडिका विधि का प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह शिविर वैदिक परंपराओं के संरक्षण और सनातन संस्कृति को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुआ।






