
ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज़:-दाड़लाघाट,राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धुंदन में संविधान दिवस के अवसर पर प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर की अध्यक्षता में प्रातः कालीन सभा में एक सूक्ष्म कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर कला स्नातक सुदेश कुमारी ने सर्वप्रथम संविधान दिवस की बधाई और शुभकामनाएं दी और कहा कि स्वतंत्र भारत के इतिहास में 26 नवंबर का दिन एक यादगार व ऐतिहासिक दिन है क्योंकि भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया था और इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया अपने संबोधन में आगे कहा कि भारत का संविधान भारत के लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष और समतावादी ढांचे को परिभाषित करने वाला आधारभूत दस्तावेज है नागरिकों के बीच संवैधानिक मूल्यों को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय ने 19 नवंबर 2015 को संविधान दिवस मनाने की घोषणा की।

डॉ भीमराव अंबेडकर की 125 की जयंती के अवसर पर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। भारतीय संविधान सभी नागरिकों को समान अधिकार सुनिश्चित करने और लोगों को अपना नेता चुनने अपने धर्म का पालन करने और अपनी पसंद का कार्य चुनने का अधिकार देता है। भारतीय संविधान के मुख्य उद्देश्यों में संप्रभुता समाजवाद धर्मनिरपेक्षता लोकतंत्र और गणतंत्र शामिल है।

एनएसएस स्वयंसेवी संजना प्लस टू की छात्रा ने भी संविधान दिवस अवसर पर अपने विचार रखें। प्रधानाचार्य सरताज सिंह राठौर ने उपस्थित सभी को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दी और कहा कि संविधान कानूनों का समूह है जो देश के संचालन और नियंत्रण करने की दिशा विनियमित
करता है। संविधान कर्तव्यों के साथ-साथ मौलिक अधिकारों मार्गदर्शक सिद्धांतों और नागरिक जिम्मेदारियों को परिभाषित करता है। भारत सरकार के राजनीतिक सिद्धांत व शक्तियां संविधान पर आधारित है।

अपने वक्तव्य में सभी विद्यार्थियों से अपील की कि हमें संविधान में दिए गए अधिकारों के साथ-साथ अपने कर्तव्यों को नहीं भूलना चाहिए तथा ईमानदारी से कार्य करना चाहिए तभी देश तरक्की कर सकता है। इस अवसर पर विद्यालय परिवार के सभी सदस्य उपस्थित रहे।






