ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज :- हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लिए गए एक निर्णय के विरोध में अर्की तहसील के पटवारी और कानूनगो द्वारा वीरवार को राज्य कार्यकारिणी के निर्देशानुसार तहसीलदार अर्की को अपने पटवार कार्यालयों की चाबियां सौंपते हुए विरोध प्रदर्शन किया गया। उन्होंने सरकार के उस निर्णय को गलत ठहराया जिसमें पटवारियों और कानूनगो को जिला स्तर से राज्य स्तर पर स्थानांतरित करने का निर्णय लिया गया है और इस फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की।

प्रधान संघर्ष समिति अर्की द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में 12 जुलाई को हुई कैबिनेट बैठक में पटवारी और कानूनगो का जिला स्तर से राज्य स्तर पर स्थानांतरण का निर्णय लिया गया था। इस निर्णय से हिमाचल प्रदेश के सभी पटवारियों और कानूनगो में गहरा रोष व्याप्त है। इसके विरोध स्वरूप महासंघ ने 15 जुलाई से आपदा सेवाओं को छोड़कर अन्य सभी ऑनलाइन कार्यों को बंद करने का निर्णय लिया था। हालांकि, जनता को किसी भी असुविधा से बचाने के लिए ऑफलाइन कार्य सुचारू रूप से जारी रखा गया था।

महासंघ की 17 जुलाई को कुल्लू में हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि यदि सरकार 24 जुलाई तक इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट नहीं करती और बातचीत के लिए नहीं बुलाती है, तो 25 जुलाई को प्रदेश भर के पटवारी और कानूनगो अपने संबंधित अतिरिक्त कार्यभार की चाबियां तहसीलदार या उपमंडलाधिकारी को सौंप देंगे। इस निर्णय के तहत, 25 जुलाई को अर्की तहसील के अंतर्गत पटवार वृत बखालग, शहरोल, और उपमंडलीय कानूनगो कार्यालयों की चाबियां तहसीलदार अर्की विपिन वर्मा को सौंपी गईं।
इस अवसर पर मनीष शर्मा,कृष्ण चंद ठाकुर, रामलाल, कपिल देव, राधाकृष्ण, खेमराज सहित अन्य कानूनगो और पटवारी उपस्थित रहे। तहसीलदार विपिन वर्मा ने बताया कि अर्की तहसील के कानूनगो और पटवारियों द्वारा जिन्हें अतिरिक्त पटवार वृत का कार्यभार सौंपा गया है, उन कार्यालयों की चाबियां सौंपी गई हैं।



