ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज:- विक्रम संवत् २०८०, भाद्रपद प्रविष्टे १४ बुधवार तदनुसार 30 अगस्त 2023 को प्रात: 10:59 तक चतुर्दशी तिथि है। चतुर्दशी में रक्षाबंधन नहीं होता है। पूर्णिमा तिथि प्रारंभ होते ही 10: 59 से रात्रि 09:02 मिनट तक भद्राकाल रहेगा।
अगले दिन 31 अगस्त को सूर्योदय प्रातः 06:02 मिनट पर होगा और पूर्णमासी तिथि 07:05 मिनट तक रहेगी। इस दिन सूर्योदय के पश्चात् पूर्णमासी मात्र 1घं. 2 मि. तक ही रहेगी;जो त्रिमुहूर्त्ताल्पा है। यहां यह गणना समझाना आवश्यक है कि:-
1 मुहूर्त्त =2 घटी अर्थात् 48 मिनट।
3 मुहूर्त्त =2×3=6 घटी अर्थात् 2 घं.24 मि.
अतः इस समय में रक्षाबंधन किसी भी स्थिति में नहीं हो सकता है। प्रायः भद्राकाल को छोड़कर रक्षाबंधन पर्व मनाया जाना चाहिए।भद्रा काल में रक्षाबंधन(श्रावणी) और होलिका दहन(फाल्गुनी) कदापि नहीं करना चाहिये।भद्रा स्वर्ग की हो अथवा चाहे पाताल की :-
👉भद्रायां द्वे न कर्तव्ये श्रावणी फाल्गुनी तथा।
श्रावणी नृपतिं हन्तिं ग्रामं दहति फाल्गुनी।।
इदं प्रतिपद्युतायां न कार्यम्।
{निर्णय सिन्धु,धर्मसिन्धु}
अर्थात् भद्राकाल में रक्षाबंधन(श्रावणी) और होलिका दहन(फाल्गुनी) कदापि ना करें। भद्राकाल में श्रावणी किये जाने से राजा का नाश करती है और फाल्गुनी ग्राम का दहन करती है।इन दोनों त्यौहारों – रक्षाबंधन और होलिका को प्रतिपदा से युक्त भी नहीं करना चाहिए।अतः शास्त्र वचनानुसार भद्रा बीतने के बाद ही रक्षाबंधन करें फिर चाहे रात्रि ही क्यों ना हो। अतः 30 अगस्त बुधवार को रात्रि 09:02 मिनट के बाद रक्षाबंधन करना शुभ एवं श्रेयस्कर रहेगा। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, आदि प्रदेशों में प्राचीन काल से परम्परया मध्याह्न से पूर्व ही रक्षाबंधन कर लिया जाता है और अपराह्न को स्वीकार नहीं किया जाता। परन्तु यह शास्त्रानुमोदित नहीं है। निष्कर्षत: भद्राकाल को छोड़कर अपराह्न में शास्त्रानुमोदित समय 30 अगस्त को रात्रि 09:02 मिनट के बाद से 11:00 तक तथा आंग्लमानानुसार 31अगस्त को प्रातः ब्रह्ममुहूर्त्त में भी रक्षाबंधन करना शुभ एवं श्रेयस्कर रहेगा।
बहनों को भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधते हुए नीचे दिए गए मन्त्र का उच्चारण करना चाहिए :-
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त्त विचार के साथ – प्रेम , सौहार्द एवं समरसता के इस पावन पर्व की समस्त देशवासियों को अग्रिम हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं । डॉ.देश राज शर्मा
परामर्शदाता ज्योतिष-कर्मकाण्ड एवं भृगुमहाशास्त्र हीरानगर, शिमला 171011,(हि.प्र.)