ब्यूरो, दैनिक हिमाचल न्यूज- दिव्य ज्योति जागृति संस्थान द्वारा दाड़लाघाट में आयोजित श्री राम कथा के चतुर्थ दिवस साध्वी राधिका भारती ने जीवन में धीरज अर्थात धैर्य के महत्व पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री रामचंद्र जी का जीवन हमें आदर्श जीवन जीना सिखाता है जीवन में आई अनेकों कठिनाइयों और परेशानियों के समय भगवान श्री रामचंद्र धैर्य का परिचय देते हैं और हर विकट स्थिति का सामना बड़ी सूझबूझ और मर्यादा से करते हैं। प्राणी मात्र को जीवन में सुखी और सफल रहने के लिए भगवान श्री रामचंद्र जी के चरित्र से सीख लेनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हम श्री रामचंद्र के वंशज हैं लेकिन कई बार परिस्थितियों के वशीभूत होकर धीरज खो बैठते हैं। यही हमारे दुख और परेशानियों का कारण बन जाता है। धीरज एक ऐसा बीज है जो गुरु रूपी श्री राम मानव तन में डालते हैं। समय के साथ-साथ यह बीज पल्लवित होता है और आदर्श चरित्र के रूप में एक सुंदर वृक्ष का रूप ले लेता है।

साध्वी भारती ने कहा की वेदों और शास्त्रों का सार यही है कि सदगुरु के बिना मोक्ष और ईश्वर की प्राप्ति करना संभव नहीं है। जब पूर्ण सद्गुरु अपने शिष्य के मस्तक पर ज्ञान दीक्षा रूपी आशीर्वाद का हाथ रखते हैं तो तत्क्षण अपने शिष्य को ईश्वर का साक्षात्कार करवाते हैं। ईश्वर का साक्षात्कार करना ही मानव तन का एकमात्र और अंतिम लक्ष्य है। कथा प्रवचन के दौरान मंच पर उपस्थित संत समाज ने सुंदर भजनों के गायन से पंडाल को भाव विभोर कर दिया।



