ब्यूरो,दैनिक हिमाचल न्यूज:- क्रसना लैब में सेवाएं शुरू करने को लेकर सरकार और प्रबंधन मध्य दिन भर चली चली वार्ता बेनतीजा रही।

बता दें कि स्वास्थ्य सचिव ने इस मामले को लेकर क्रसना लैब प्रबंधन की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में क्रसना लैब को होने वाले भुगतान और लैब के ठप होने से मरीजों को पेश आ रही मुश्किलों पर चर्चा की गई। राज्य सरकार ने लैब प्रबंधन को काम पर लौटने के लिए मनाने का प्रयास किया, लेकिन भुगतान लिए बगैर लैब प्रबंधन इसके लिए तैयार नहीं हुआ। देर शाम तक कई दौर में पूरी हुई इस बैठक में नतीजा सामने न आने के बाद अस्पतालों में फिलहाल टेस्ट सुविधाएं बहाल करने को लेकर कोई भी नया आदेश जारी नहीं किया गया है। इससे अब शुक्रवार को भी अस्पतालों में टेस्ट सुविधा के प्रभावित रहने की संभावना बनी हुई है। गौरतलब है कि नेशनल हैल्थ मिशन का बजट जारी न होने के बाद क्रसना लैब ने 650 संस्थानों में सेवाएं रोक दी हैं। बीते 24 घंटे से सभी मेडिकल कॉलेज, क्षेत्रीय अस्पताल और पीएचसी में टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं।
राज्य सरकार को क्रसना लैब में 50 करोड़ का भुगतान करना है और यह भुगतान अप्रैल के बाद से फंसा हुआ है। इस समय समूचे प्रदेश में 1800 कर्मचारी क्रसना लैब के साथ जुड़े हुए हैं। इन कर्मचारियों को वेतन का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। राज्य सरकार ने क्रसना लैब को मेडिकल कॉलेज, क्षेत्रीय अस्पतालों, सीएचसी और पीएचसी में नि:शुल्क टेस्ट की जिम्मेदारी दी है। इन टेस्ट के एवज में होने वाला भुगतान एनएचएम के माध्यम से जाता है, लेकिन इससे पूर्व अस्पताल प्रबंधन और जिलास्तर पर सीएमओ वार्षिक बजट बनाते हैं। यहां वार्षिक बजट से अधिक के बिल बनने की वजह से प्रदेश भर में यह हाल है(साभार-सूत्र)



